कई लोगों के संघर्ष की कहानियां प्रेरणादायी होती हैं। ये कहानियां ऐसी होती हैं, जो आपको ऊर्जा से भर देती हैं और मेहनत की सीख देती हैं। ऐसी ही एक कहानी है, मनीष कुमार की। जिन्होंने नौकरी करते हुए यूपीएससी निकाला और आईएएस बने। मनीष कुमार ने फुल टाइम नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी की और 2017 में परीक्षा में सफलता पाई। उन्होंने दूसरे प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की और 61वीं रैंक लेकर आए।
मनीष ने 'दिल्ली नॉलेज ट्रैक' से बातचीत करते हुए कहा कि यूपीएससी में सफलता के लिए अभ्यर्थियों को अपना सिलेबस कवर करने की कोशिश करनी चाहिए। अभ्यर्थी जितना स्मार्ट वर्क करेंगे, उनको उतनी जल्दी सफलता मिलेगी। आइए जानते हैं मनीष के सफल होने की कहानी
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मनीष कहते हैं कि जब आप नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी करते हैं, तो अधिक सकारात्मक रहते हैं। क्योंकि उस वक्त आप ऐसा नहीं सोचते कि अगर यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हुए, तो करियर बर्बाद हो जाएगा। नौकरी के साथ तैयारी करना करियर के लिहाज से सुरक्षित रहता है। हालांकि उनका कहना है कि फुल टाइम नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं होता है। बेहद मेहनत करनी होती है।लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। वह कहते हैं कि नौकरी के साथ पढ़ाई के लिए आप कई घंटों का वक्त निकाल सकते हैं।
मनीष बताते हैं कि यूपीएससी साक्षात्कार में उनसे नौकरी को लेकर सवाल किया गया था। पूछा गया था कि आप नौकरी छोड़कर यूपीएससी में क्यों आना चाहते हैं? जब उन्होंने इस सवाल का जवाब दिया तो पैनल काफी प्रभावित हुआ। वह कहते हैं कि अक्सर लोग अपनी नौकरी को लेकर अच्छा नहीं बोलते, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। मनीष का मानना है कि नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी तैयारी करना सकारात्मक है। अगर आप ऐसा कर रहे हैं, तो निराश न हों, क्योंकि यह अच्छा है। उनका कहना है कि यूपीएससी में सफलता के लिए मेहनत, लगन और अच्छी रणनीति बेहद जरूरी होती है।
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