Tuesday 26 October 2021

UPSC Success Story: कभी स्कूल से निकाले गए थे आकाश, आज हैं IPS अधिकारी, जानें उनकी सफलता का मंत्र

 


IPS Akash kulhari Success Story: हमारे समाज में आज भी लोग प्रतिभा से ज्यादा नंबरों को महत्व देते हैं. लेकिन नंबर कभी आपके भविष्य को तय नहीं करते और इसका उदाहरण IPS आकाश कुल्हरी हैं.

UPSC सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है. यह परीक्षा बेहद कठिन होती है. हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं. देखा गया है कि वो छात्र जो बचपन से ही पढ़ाई में होशियार होते हैं, इस परीक्षा को क्रैक करने में सफल होते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि जो स्कूल में पढ़ाई में कमजोर थे वे इसे क्रैक नहीं कर सकते है. यूपीएससी परीक्षा को कोई भी कड़ी मेहनत और लगन से क्लियर कर सकता है. भले ही स्कूल में आपके कम नंबर क्यों न आते हों, बाद में आप मेहनत करके इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसी रोचक कहानी बताने जा रहे हैं जिसको जानने के बाद आप कम नंबरों से कभी घबराएंगे नहीं. इतना ही नहीं आपको अपनी मेहनत और लगन से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा भी मिलेगी. ये कहानी उस व्यक्ति की है जो कम नंबर आने के कारण स्कूल से निकाल दिए गए थे, लेकिन वह अपनी मेहनत और लगन की दम पर एक आईपीएस अधिकारी बन कर उभरे थे. ये कहानी है कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आकाश कुल्हरी की.

हार न मानने की प्रवृत्ति ने मुझे टॉप पर पहुंचाया

आकाश कुल्हरी ने एक इंटरव्यू में कहा था, ”मैं भी कुछ ऐसा ही था. 10वीं का रिजल्ट आने के बाद मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था. मगर फिर मेरा आत्मविश्वास जगा और कड़ी मेहनत की वजह से आज यहां तक पहुंचा. हां, इतना जरूर है कि कभी हार न मानने की प्रवृत्ति ने मुझे टॉप पर पहुंचाया.”

PS आकाश कुलहरि राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले है. उनके पिता वैटनरी चिकित्सक थे. उनकी स्कूलिंग बीकानेर शहर के सीबीएसई बोर्ड के बीकानेर स्कूल से शुरू हुई थी. साल 1996 में उन्होंने सिर्फ 57 प्रतिशत नंबरों के साथ हाईस्कूल पास किया था. पहले पड़ाव में ही कमजोर साबित होने और कम अंक होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था.

इसके बाद बड़ी मशक्कत से परिजनों ने केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में एडमिशन करवाया. इस बार आकाश ने मेहनत की और 85 प्रतिशत के साथ इंटरमीडिएट परीक्षा पास की. इसके आगे कि बढ़ाई उन्होंने 2001 में दुग्गल कालेज बीकानेर से की. यहां से उन्होंने बीकॉम किया. इसके बाद आकाश ने जेएनयू दिल्ली से स्कूल ऑफ सोशल साइंस विषय से एमकॉम किया.

पहले प्रयास में निकाली परीक्षा

जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही आकाश ने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी और साल 2005 में एम.फिल भी किया. कभी पढ़ाई में कमजोर आकाश जिन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में साल 2006 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली. उन्होंने स्वीकारा कि शुरुआत में ध्यान पढ़ाई पर कम खेलकूद में ज्यादा था. ग्रेजुएट होने से पहले उनका कोई लक्ष्य भी नहीं था, लेकिन इसके बाद उन्होंने लक्ष्य तय किया और सफलता हासिल की.

 

 

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