Thursday 24 March 2022

IPL 2022: हार्दिक पांड्या को टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए करना होगा यह काम, रवि शास्त्री ने दी सलाह

 

टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हार्दिक पांड्या को एक सलाह दी है. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें गेंदबाजी करनी होगी. शास्त्री ने कहा कि पांड्या एक ऑलराउंडर के तौर पर ही टीम में शामिल हो सकते हैं, केवल एक बल्लेबाज के रूपहार्दिक पांड्या

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 शुरू होने से पहले से ही एक खिलाड़ी सुर्खियों में है. वह खिलाड़ी हार्दिक पांड्या हैं. हार्दिक पांड्या इस सीजन में पहली बार कप्तान की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. वह नयी आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस (जीटी) का नेतृत्व करेंगे. लेकिन ध्यान इस बात पर भी रहेगा कि वह गेंदबाजी करेगा या नहीं.

एक ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक पांड्या की पहचान

मूल रूप से एक ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या फिटनेस के मुद्दों के कारण पिछले कुछ वर्षों में सिर्फ एक बल्लेबाज के रूप में प्रमुख रूप से खेल रहे हैं. भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना ​​है कि अगर वह अपने खेल में फिर से गेंदबाजी नहीं जोड़ते हैं, तो वह भारतीय टी-20 टीम में वापस नहीं आ सकते हैं. शास्त्री का मानना है कि केवल बल्लेबाजी के दम पर पांड्या की टीम इंडिया में वापसी काफी कठिन है

रवि शास्त्री ने दी सलाह

रवि शास्त्री ने ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया कि शीर्ष पांच बहुत महत्वपूर्ण होता है. अगर कोई नंबर 5 या 6 नंबर पर कब्जा कर रहा है, तो उसे उस अतिरिक्त विभाग को खेल में लाना होगा. यही कारण है कि हार्दिक के दृष्टिकोण से, भारत के दृष्टिकोण से गुजरात की टीम के दृष्टिकोण से, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वह गेंदबाजी पर भी ध्यान दे. क्योंकि अगर वह सीमित सफलता के साथ भी गेंदबाजी करता है, तो वह भारतीय टीम में एक स्वचालित पसंद बन जाता है.

छह नंबर ऑलराउंड के लिए तय

उन्होंने कहा कि भारत के लिए नंबर 6 का स्थान अब एक ऑलराउंडर के लिए तय है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि नंबर 6 पर ऑलराउंडर की स्थिति सुनिश्चित है. आदर्श रूप से शीर्ष-पांच में कोई है जो दो या तीन ओवर फेंक सकता है. इससे कप्तान का दबाव कम हो जाता है. इससे उसे छह गेंदबाज मिलते हैं जिनसे वह चुन सकते हैं. मैं वास्तव में बल्लेबाजी के बारे में चिंतित नहीं हूं.

गुजरात का पहला मुकाबला लखनऊ से

गुजरात टाइटंस अपने अभियान की शुरुआत सोमवार को साथी नवागंतुक लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ करेगी. मेगा इवेंट आईपीएल की शुरुआत 26 मार्च को हो रही है. पहला मुकाबला पूर्व विजेता चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेला जायेगा.

Saturday 29 January 2022

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किसी ने मुझसे पूछा motivational story  पढ़ने से क्या होता है 
मेने जवाब दिया motivational story पढ़ने से  हमे दुसरो की गलतियों का पता चलता है ताकि हम गलती ना करे इसलिए ज्यादा से ज्यादा  motivational story  को पढ़िए

1. हार गया लेकिन खुद से जीत गया

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दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है
आज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रहा हु जिसे पढ़ने के बाद 
आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए
बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है
 
हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था 
वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा
अब रेस शुरू हुई 

हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे 2
सारे धावक आगे निकल रहे थे
मगर अब हरीश थक गया था
वह रुक गया
फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो 
कम से कम चल तो सकता हु
उसने ऐसा ही किया वह धीरे 2
चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था
अब वह बहुत ज्यादा थक  गया था
और नीचे गिर पड़ा | उसने खुद को बोला
की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा
वह जिद करके वापस उठा
लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया
माना कि वह रेस हार चुका था
लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले
 race को कभी पूरा ही नही कर पाया था
वह जमीन पर पड़ा हुआ था
क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था
लेकिन आज वह बहुत खुश था
क्योंकि
आज वह हार कर भी जीता था
दोस्तों हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी life में
कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है
अगर आप एक student हो और रोज 10 hr की study करते हो
और किसी दिन कोई परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नही करते मगर आपको
भले ही 5 hr मिले पढ़ना जरूर चाहिए
हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम
लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत
जाएंगे छोटे छोटे कदम बढ़ाते जाओ और आगे बढ़ते जाओ
यही सफलता का नियम है
अगर आपको भी ये motivational story अच्छी लगी हो तो
 comment के माध्यम से हमे जरूर बताएं
अगर आप और भी motivational story को पढ़ना चाहते हो तो
 आप बिलकुल सही जगह हो यहां  पर आपको
काफी सारी motivational stories का संग्रह मिलेगा
जो आपको जीवन मेआगे बढ़ने की प्रेरणा देगा 

2.परिस्थितियों को दोष देना 

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कुछ लोग हमेशा परिस्थितियों  को ही दोष देते है
यह motivational story ऐसी है
जिसको सुनकर आपकी आंखें खुल सकती है
इस कहानी को जल्दी से जल्दी  शुरू करते हैं

काफी समय पहले की बात है दोस्तों
एक आदमी रेगिस्तान में फंस गया था 
वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह है
अगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे-अच्छे पेड़ उग रहे होते 
और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे
 मतलब ब्लेम कर रहा था
 कि यह होता तो वो होता  और वो होता  तो शायद ऐसा होता 
ऊपरवाला देख रहा था अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है 
उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि
 पानी से लबालब भरा हुआ था काफी देर तक
 विचार-विमर्श करता रहा खुद से

 फिर बाद उसको वहां पर एक रस्सी और बाल्टी  दिखाई दी  इसके बाद कहीं से
एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि
यहां पर पानी का कोई स्त्रोत  नहीं है अब तुम्हारे पास पानी का स्रोत भी है
अगर तुम चाहते हो तो यहां पर पौधे लगा सकते हो
वह चला गया दोस्तों
 तो यह कहानी हमें क्या सिखाती है
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि
अगर आप परिस्थितियों को दोष देना चाहते हो कोई दिक्कत नहीं है
 लेकिन आप परिस्थितियों को दोष देते हो कि अगर यहां पर ऐसा  हो और
आपको वह सोर्सेस मिल जाए तो क्या परिस्थिति को बदल सकते हो

 इस कहानी में तो यही लगता है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैं
अगर उनके पास उपयुक्त स्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकते
सिर्फ वह ब्लेम करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा  नहीं बनना है दोस्तों
 इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप चाहते हो कि
 परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्त साधन मिल जाए तो
आप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं और
मुझे पूरा भरोसा है कि अगर  आपके साथ ऐसी कोई घटना घटित होती है
आप अपना योगदान जरूर देंगे
यह कहानी आपको अच्छी लगी होगी अगर आप चाहते हो कि
 आपको ऐसी मजेदार कहानियां मिलती रहे तो आप बिल्कुल सही जगह पर है                                                                                                                                                                     दोस्तों मेने आपका ज्यादा समय  खराब नहीं किया और इस motivational story को मैंने कम से कम
 शब्दों में समेटने  की कोशिश की है जो कि मैं कर पाया अगर आपके
 कोई सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से मुझे जरूर बताएं और अगर
आपको यह motivational story अच्छी लगी हो तो इस कहानी को और लोगों से
आपके दोस्तों के साथ आप शेयर करिए
 शुक्रिया

Wednesday 22 December 2021

सचिन अतुलकर (IPS) का जीवन परिचय

 Sachin Atulkar Biography in Hindi

Sachin Atulkar Biography in Hindi

Sachin Atulkar Biography in Hindi: सचिन अतुलकर भारत के एक आईपीएस ऑफिसर है जो मध्य प्रदेश केडर में वर्तमान में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भारत में कई आईपीएस ऑफिसर ऐसे भी जो दिखने में काफी स्मार्ट और शानदार लगते हैं, सचिन अतुलकर भी उन्ही ऑफिसर में से एक है।

Sachin Atulkar Biography in Hindi
 

आप भी अगर भारत के इस शानदार आईपीएस ऑफिसर के बारे में जानना चाहते है तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको सचिन अतुलकर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त सके।

सचिन अतुलकर (IPS) का जीवन परिचय – Sachin Atulkar Biography in Hindi


सचिन अतुलकर कौन है?

सचिन अतुलकर भारत के सबसे कम के आईपीएस ऑफिसर में से एक है। वे ऐसे आईपीएस ऑफिसर है जो केवल 22 साल की छोटी उम्र में ही भारत में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को पास कर चुके है और इस छोटी उम्र में ही वे आईपीएस ऑफिसर बने है। सचिन अतुलकर की कुछ सामान्य जानकारी निम्न है:

पूरा नाम सचिन अतुलकर
प्रोफेशनIPS Officer
उम्र32 साल
जन्म स्थान भोपाल, मध्य प्रदेश
पढाईस्नातक
हाॅबीयोगा और वाॅकआउट
माता पिता का नामजानकारी उपलब्ध नहीं
सैलेरी7वे वेतन आयोग के अनुसार 78,800

अपने ही गृह राज्य में दे रहे हैं सेवाएं

सचिन अतुलकर का जन्म मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल शहर में हुआ है। आईपीएस की परीक्षा पास करने के बाद वे अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश के उज्जैन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हर सिविल सर्वेंट का यह सपना होता है कि वह अपने राज्य में ही अपनी सेवाएं दें और उस राज्य को अपनी कर्मभूमि बनाये जिस राज्य में उसका जन्म हुआ है। सचिन अतुलकर भी उन्ही ऑफिसर में से एक है जो अपने ही राज्य में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

22 साल की छोटी उम्र में बने आईपीएस

सचिन अतुलकर उन आईपीएस ऑफिसर मे से एक है जिन्होंने कॉलेज से निकलते है ही आईपीएस की परीक्षा पास कर ली। जिस उम्र में हम खेल को अपना समय देते हैं, उस उम्र में वे देश की सेवा करने के लिए आईपीएस ऑफिसर बनने की ट्रेनिंग कर रहे थे।

हॉर्स राइडिंग में जीत चुके है गोल्ड मेडल

वैसे तो सचिन अतुलकर खेल में काफी शानदार है, उन्होने क्रिकेट में कई कारनामे किये है वैसे ही उन्होंने अपनी आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान भी उन्होंने हॉर्स राइडिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। 2010 की आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान उनको होर्स राइडिंग में अच्छे प्रदर्शन के लिए उनको गोल्ड मेडल से नवाजा गया था।

सप्ताह का पूरा शेड्यूल

अपनी महत्वपूर्ण ड्यूटी के अलावा सचिन अपने रोजाना के टाइम को इस प्रकार से व्यतीत करते है:

  • 1 Day – चेस्ट और ट्राइशेप exercise करते हैं।
  • 2 Day – बैक और ट्राइशेप की exercise करते हैं।
  • 3 Day – कुछ कार्डियो की भी exercise को शामिल करते हैं।
  • 4 Day – लेग्स के लिए Stretching और Relaxing करते हैं।
  • 5 Day – कुछ कार्डियो exercise करते हैं।
  • 6 Day – इस दिन अपने body के सबसे Weak Part को कुछ समय देते हैं।
  • 7 Day – इस दिन कुछ नहीं करते, Mind और body को relax देते हैं।

खुद रहते हैं फिट और दूसरों को भी देते हैं प्रेरणा

वैसे तो आजकल आमजन पुलिस से काफी डरती है जिसके कई सारे कारण हो सकते हैं। लोगों के मन में पुलिस वालों के लिए इज्जत तो है पर लोग पुलिस से उतने ही डरते भी है। परन्तु इस पुलिस आफिसर से लोग डरते कम है यानी गलत काम करने वाले तो इनसे कांपते है, परन्तु आम लोगों के लिए यह एक प्रेरणा स्त्रोत है।

सचिन अतुलकर रोजाना ड्यूटी पर जाने से पहले अपने शरीर को समय देते है, वे रोजाना सुबह योग करते है। उनके योग करने का उनका अपना एक टाइम है और वे उसी के हिसाब से खुद को समय देते है। साथ वे लोगों को इस बात की प्रेरणा भी देते है कि वे रोज सुबह जल्दी उठे, योग करें और अपने शरीर को फिट रखें।

सचिन अतुल्कर से जुड़ी कुछ खास बातें

  • सचिन अतुलकर ने केवल 22 वर्ष की उम्र में ही 2007 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी और उसी साल उनको उनकी पसंदीदा पोस्ट आईपीएस मिल गई।
  • मध्यप्रदेश के भोपाल में जन्मे सचिन अतुलकर उस राज्य के उस समय के सबसे छोटी उम्र के आईपीएस ऑफिसर है।
  • इनके परिवार के बारे में बात करे तो इनके एक भाई भी है जो भारतीय सेना में कार्यरत है और उनके पिता सरकारी सेवा से पहले ही रिटायर हो चुके हैं।
  • सचिन को अपनी सेहत की काफी चिंता रहती है, वह अपने पहले से ही बने शेड्यूल के अनुसार रोजाना योग करते है और अपने शरीर को सेहतमंद रखते है।
  • सचिन अतुलकर बारे में आपको शायद बात पता नहीं होगी कि वे राष्ट्रीय स्तर तक क्रिकेट खेल चुके है और उसमे उनको गोल्ड मेंडल भी मिल चुका है।
  • अतुलकर को घोड़े की सवारी करना काफी पसंद है और उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान इसमें गोल्ड मेडल भी हासिल किया हुआ है।

शांत स्वभाव वाले है अधिकारी

सचिन अतुलकर के बारे में कहा जाता है कि यह अपने आप में काफी शांत स्वभाव वाले अधिकारी है। आम लोग इनसे मिल कर अपनी बातों को इनके सामने रख सकते है और यह उनकी बातों को बड़ी शालीनता से गौर भी करते हैं।

लोगों के बीच सनिच अतुलकर की एक विशेष पहचान है जो इनको एक अच्छा व सबसे खास आईपीएस अधिकारी बनाती है। लोगों के बीच यह काफी शालीन स्वभाव में रहते हैं, वही जो गलत करता है उनके साथ यह काफी अच्छे तरीके से पेश भी आते है और उनको अच्छा सबक भी सिखाते हैं।

2007 बैच के है आईपीएस

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2007 में उन्होंने 258वां स्थान हासिल किया था। वे उस समय केवल 23 साल की आयु में ही IPS बन गये थे। उन्होंने अपने जीवन की इतनी छोटी सी उम्र में ही यह पोजीशन हासिल कर ली थी, जिसके लिए लोग 4-5 साल लगा देते हैं।


वाणिज्य विषय में कर चुके है स्नातक

सचिन अतुलकर ने अपनी पढ़ाई भोपाल से ही की है, उन्होंने अपनी स्नातक वाणिज्य विषय से की है। वे पढ़ाई में शुरू से ही काफी तेज व होशियार थे। उन्होंने अपने कालेज की पढाई के साथ ही सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी।

सचिन अतुलकर की फैन फॉलोइंग

सचिन अतुलकर जो की भारत के एक जाने माने आईपीएस अधिकारी है, उन्हे आज भारत का हर वो युवा जानता है जो आईपीएस बनने का सपना लिए बैठा है। इनकी फैंन फाॅलोविंग की बात करें तो आपको पता होगा कि इनको काफी लोग अपना एक आदर्श मानते हैं।

वर्तमान में सचिन अतुलकर के इंस्टाग्राम पर 7 लाख 80 हजार से भी अधिक फॉलोअर्स है उनके इंस्टाग्राम पर ब्लूटीक भी मिल चुका है। सचिन अतुलकर के twitter पर भी तकरीबन 18 हजार फॉलोअर्स है।

Sachin Atulkar Instagram <Click Here>

वे बातें जो आपको सीखनी चाहिए

सचिन अतुलकर की वे बातें जो आपको सीखनी चाहिए और अपने जीवन में उतारनी चाहिए:

  • अगर आप एक विद्यार्थी है और आप भी इस परीक्षा को पास करना चाहते है तो उसके लिए सबसे जरूरी है की आप इस परीक्षा की प्री और मेंस की तैयारी साथ में करें ताकि आपको भविष्य में इस परीक्षा सें संबंधित कोई भी समस्या न आए।
  • पढाई के साथ एक विद्यार्थी को मानसिक तौर पर भी फिट रहना चाहिए ताकि वह पढ़ाई पर पूरा फोकस कर पाए और इस परीक्षा को पास करने में एक विद्यार्थी को कोई समस्या न आए।
  • सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए आपको एक ऑप्शनल विषय का चुनाव करना होता है, इस पर सचिन अतुलकर कहते है कि आपको उसी विषय का चुनाव करना चाहिए जो आपके लिए बेहतर हो यानी जिस विषय को आप आसानी से समझ सके।
  • अगर कोई विद्यार्थी अपने काम के साथ यूपीएससी या किसी स्टेट पीसीएस की तैयारी करता है तो उसके लिए यह जरूरी है की वही रोजाना 7 से 10 घंटे पढ़ाई करने के बजाय व रोजाना 3 से 4 घंटे अपनी पढ़ाई को दे और उसमें भी कोशिश करें कि बीच में कोई ब्रेक नहीं लेना पड़े।

क्रिकेट में खेल चुके है राष्ट्रीय स्तर तक

सचिन अतुलकर को क्रिकेट खेलना काफी पसंद है। वह अपने राज्य मध्यप्रदेश के लिए राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुके हैं। उन्होंने अपने इस खेल की बदौलत क्रिकेट में गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया हुआ है।

आपने क्या जाना?

इस लेख में आपको सचिन अतुलकर के बारे में बताया गया है। सचिन अतुलकर 2007 बैच के एक आईपीएस ऑफिसर है जो मध्य प्रदेश अपने गृह राज्य में अपनी सेवाएं दे रहे है।

सचिन आतुलकर कौन है?

सचिन अतुलकर एक आईपीएस ऑफिसर है जो मध्य प्रदेश के उज्जैन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सचिन अतुलकर किस कैडर के आईपीएस ऑफिसर है?

सचिन अतुलकर मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस ऑफिसर है।

सचिन अतुलकर ने किस उम्र में आईपीएस की पोस्ट पर जॉइनिंग की?

सचिन अतुलकर ने 2007 में 23 साल की उम्र मे आईपीएस की पोस्ट पर जॉइनिंग की थी।

सचिन अतुलकर का जन्म कहाँ हुआ है?

सचिन अतुलकर का जन्म भोपाल मध्य प्रदेश में हुआ है।

सचिन अतुलकर को किस खेल का शौक था?

सचिन अतुलकर को क्रिकेट खेल का शौक था।


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Tuesday 21 December 2021

वृक्ष का दर्द कविता हिंदी

         वृक्ष का दर्द 

जा रहा था | मार्ग पर एक दृश्य ने स्थिर किया |

कट रहा था | पेड़ वंहा पर आह! का रुदन हुआ ||

 

काट रहे जल्लाद उनको अकारण , धन के लिए |

उन जल्लादों को क्या पता, यह जीवन है हम सब के लिए ||

 

चला था दो पद कि आगे वृक्ष ने वाणी कही |

क्या दोष था हमारा जो डाली-डाली हमारी कटी ||

 

 

क्या नहीं देते है हम यह सवाल उसने किया ?

इतना ले ह्रदय में दर्द गौरव वहां से चल दिया ||

 

 

निर्माणकर्ता- गौरव शर्मा (कवि)

पोस्टकर्ता- मोहन लाल

सलाहकार- उदित शर्मा

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         tree pain

 

was going A scene on the road fixed it.

was being cut Trees over there Ah! cried out

 

 

The executioners are cutting them for no reason, for money.

What do those executioners know, this is life for all of us.

 

It was two steps ahead that the tree spoke.

What was our fault?

 

 

 

What do we not give? He did this question?

Take so much pain in the heart, Gaurav left from there.

 

 

 

Producer- Gaurav Sharma (Poet)

 

Posted by- Mohan Lal

 

Consultant- Udit Sharma

 

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